Saturday, April 02, 2011

पीपल तलै तै पाती: हरियाणा किसान आयोग को!

प्रेषक: मनबीर रेढू (9991063510)
गांव-ईगराह
जिला-जींद

प्रेषित: हरियाणा किसान आयोग, हिसार. 

समस्याः
1.  कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विभाग व कृषि बाजार कृषि ज्ञान-विज्ञान की सीढी के अलग-अलग पायदान परः किसान किसकी माने....
कृषि विश्वविद्यालय द्वारा रचित खरीफ फसलों की समग्र सिफारिशें  जिसे हम कृषि की गीता कहते एवं मानते हैं, आज कृषि बाजार से अलग खड़ी है। इसमें सिफारिश की गई कपास की किस्मों का बीज बाजार में उपलब्ध नही है। बाजार में उपलब्ध बी.टी. कपास की सैकड़ों किस्मों की सिफारिश इस गीता में नहीं है। खरीफ प्रोडक्सन प्रोग्राम के अन्तर्गत हर साल कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय मिलकर किसानों के लिये सिफारिशें तय करते हैं। फिर भी बी.टी. बीजों के मामले में कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय विपरित किनारों पर खड़े हैं। कृषि विभाग ने इन बी.टी. बीजों को अपने यहाँ बेचने की अनुमति दे रखी है जबकि कृषि विश्वविद्यालय इनकी सिफारिश नहीं करता। ऐसा ही मन-मुटाव का मामला बी.टी. पाऊडर व बेवरिया बेसियाना नामक बायोपेस्टीसाइडस् को लेकर कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय के मध्य दशकों से जारी है। धान व बाजरा की किस्मों के मामले में भी स्थिति भिन्न नहीं है। यूरिया, डी.ए.पी., पोटाश व जिंक-सल्फेट जैसे रासायनिक उर्वरकों को छोड़कर शेष कृषि आदानों को लेकर भी बाजार और कृषि विभाग व कृषि विश्वविद्यालय की साझा सिफारीशों में अन्तर्विरोध खड़ा है।
2.  कृषि बाजार में व्यापक पैमाने पर थौपाई, नकलीपन, मिलावट, घटतौली, कालाबाजारी जैसी धोखाधड़ी की समस्याएँ हैं जिनके साथ हर किसान को दो-चार होना पड़ता है।
सुझावः
1.  खाद, बीज या पेस्टीसाइडस् की डीलरशिप का लाईसैंस लेने के लिये कोई न कोई न्यूनतम कृषि-शिक्षा की शर्त अनिवार्य हो।
2.  खाद, बीज या पेस्टीसाइडस् की डीलरशिप का लाईसैंस लेने के लिये इन्टर-नैट से जुड़ने की शर्त अनिवार्य हो तथा प्रत्येक डीलर अपने स्टाक का ब्यौरा आन-लाईन रखे।
3.  खाद, बीज या पेस्टीसाइडस् की जांच के लिये सैम्पलिंग के अधिकार सभी कृषि अधिकारियों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिकों को भी हो। सैम्पलिंग के समय स्टाक वैरिफिकेशन अनिवार्य हो।
4.  किसान की शिकायत पर सम्बंधित डीलर की जांच एवं सैम्पल शिकायत प्राप्त अधिकारी द्वारा अनिवार्य हो तथा सैम्पल पर शिकायती किसान की सील भी हो ताकि बाद में सैम्पल बदला ना जा सके।
5.  असामान्य परिस्थितियों किसानों द्वारा संपर्क साधने के लिये हर डीलर के यहाँ डिस्पले बोर्ड पर कृषि अधिकारियों के फोन न. अनिवार्य हों।
6.  किसानों के क्रेता अधिकारों की जानकारी के लिये हर डीलर के यहाँ अलग से डिस्पले बोर्ड लगाना अनिवार्य हो।
7.   कृषि विभाग के लिये भी सैम्पलों की जांच का ब्यौरा आन-लाईन किया जाए।

2 comments:

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  2. Economy is governed by market forces by and large. Farmer is a important link in process of production and what he contrbute in this process, he gets a very little of it. The whole process must be transparent from the policy formulation to its implementation. Department concerned should be made responsible besides your noble suggestions.A register comprising effective holding of land should also be maintained to assess the gain of techlogical benefits and subsidy by a big, middle or small farmer.

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